Spirituality in Hindi
इस संसार में सभी धर्मों , मान्यताओं , चमत्कार , और कलाओं के पीछे एक आध्यात्मिक ज्ञान हैं जिसे हम ध्यान कहतें हैं। सभी धार्मिक मान्याताओं और रिती रिवाजों में हम जाने अनजाने में आध्यात्मिक ध्यान को ही अपनाते हैं । जिसमें हिन्दु धर्म की मान्यताओं और पुजा पद्वति का संबध आध्यात्मिक विज्ञान से काफी नजदीकी संबंध हैं।
लेकिन आम जन मानस आधात्म की शक्तियों से अनजान हैं| और पुजा सिर्फ भगवान को प्रसन्न करने और अपने मनोकामना को पुर्ण करने के उद्देष्य से करते है किन्तु वे आधात्म को अपनाने और ईष्वर को पाने और समझने के सही तरीके से अनजान हैं। यदि मानव आध्यात्मिक ज्ञान को और ईष्वर की शक्तियों को समझे तो वे अपने जीवन के कष्टो से निजात पा सकते हैं और अपने व्यक्तित्व का निर्माण कर एक सफल जीवन को पा सकते हैं।

कुछ इसी प्रकार दुनिया के सभी महान सफल वैज्ञानिक और उद्वमी लोगों ने अपने जीवन में सफलताओं को पाने के लिए अपने व्यक्तित्व के निर्माण हेतु आध्यात्म को अपनाया हैं। जैसे की स्टीव जाब्स , निकोल टेसला, अलबर्ट आइंस्टिन आदी महान लोंगो ने भी आध्यात्म को विज्ञान के रूप में अपना कर सफलता हासिल की हैं।
आध्यात्मिक विज्ञान का बेसिक सिद्वांत
मानव शरीर में तीन तरह की मानसीक या ध्यान अवस्था होती हैं। एक चेतन मन और दुसरी अर्धचेतन मन subconscious mind और तीसरी सूप्त मन होता हैं। जब एक सामान्य इंसान जागा होता है तब उसका चेतन मन जाग्रत होता हैं, और जब वह सोया होता हैं तब सुप्त अवस्था होती हैं। इंसानो का अर्धचेतन मन एक विषेष परिस्थिती में जाग्रत होता हैं जिसके लिए उसे अपने जाग्रत अवस्था में ही रहकर अपने चेतन मन को शुन्य कर अर्धचेतन मन को जाग्रत करना होता हैं।

यह subconscious mind अर्धचेतन मन को हम हमारी आत्मा की संज्ञा भी दे सकते है जिसे हम कभी कभी हृदय भी कहते हैं। यह अर्धचेतन मन ही व्यक्ति के निर्माण का मुख्य किरदार होता हैं। और यह ब्रम्हाण्ड की दिव्य उर्जा से जुडकर हमारी मनोकामनाओं को पुरी करता हैं। हम अर्धचेतन मन को भगवान या ब्रम्हाण्ड की उर्जा से जुडने का साधन कहते हैं।
हमारे जिवन में व्यक्ति निर्माण और सफलता के लिए पिछे भी हमारे subconscious mind अर्धचेतन मन का प्रभाव होता हैं।
हम आपके लिए आध्यात्मिक विज्ञान को अपनाने के विभिन्न प्रकार के तरीको के बारे में बात करना चाहते हैं। जिनसे की आप अपना व्यक्तित्व का निर्माण कर सकते हैं।
- 1. मेडिटेशन
- 2. त्राटक क्रिया
- 3. रेकि हिलिंग
- 4. हवन यज्ञ
- 5. क्वांटम वर्ल्ड उर्जा
- 6. लॉ आफ अट्रेक्शन
- 7. मेंटलिज्म
- 8. टैलेपेथी
- 9. सिक्रेट आफ ब्रह्मुहुर्त
- 10. सेल्फ हेल्प बुक
- 11. 369 Manifestation Technique
इन सभी विषयों पर हम चर्चा करते हैं।
मेडिटेशन | Meditation Meaning in Hindi
अपने चेतन मन को शांत करके अर्धचेतन मन को जाग्रत करने की कला विज्ञान को मेडिटेशन या ध्यान कहते हैं। अर्धचेतन मन को पाने के लिए हमे अपने दिमाग या विचलित मन को शांत करना होता हैं , इसके लिए हमें एकांत में ध्यान लगा कर सभी विचारों को अपने दिमाग से दुर करना हैं। इसके पश्चात हमे अपनी सांसो पर ध्यान केन्द्रीत कर शुन्य विचार की अवस्था में जाकर हम अपने अर्धचेतन मन को जाग्रत कर सकते हैं।
अर्धचेतना को पाने के लिए हमें शांत में ध्यान लगाकर हमें सिर्फ अपनी श्वाश पर ध्यान केन्द्रित कर शून्य अवस्था को प्राप्त करना होंगा , क्योंकि जब तक हमारा दिमाग काम करता रहेंगा तब तक हम Subconscious level mind को प्राप्त नहीं कर सकते है। इस प्रकार रोजाना हमें यह अभ्यास करते रहना होंगा ।
जब हम अर्धचेतना को प्रपात करने लग जाये तब हम ईश्वर से प्राथना भी कर सकते है जिसका फलीभूत होना निश्चित हो जाता है। हमरे शशीर में अर्धचेतना मन और दिमाग दोनों एक्सीलेटर और ब्रेक की तरह कार्य करते है । प्राथना करते वक्त आप जितना दिमाग से सोचेंगे उतना ही अर्धचेतन मन कमजोर होंगा । हमें अपने अंतरात्मा को जाग्रत करने के लिए अर्धचेतना में ही जाना होंगा, क्योंकि ब्रम्हांड में प्राथना को भेजने का काम अंतरात्मा अर्थात अर्धचेतन मन ही कर सकता है ।
त्राटक क्रिया | Tratak kriya
त्राटक क्रिया एक ऐसी क्रिया है हठयोग की जिसमें कि हम अपनी आंख को एक बिंदु पर या किसी दिए की लौ पर केंद्रित करते हैं जब हम अपने ध्यान को किसी चीज पर केंद्रित करते हैं हमारे आंखों की पावर धीरे.धीरे बढ़ने लगती हैं जो सारी चेतना हमारे शरीर में बर्बाद होती है वह सारी की सारी चेतना हमारी आंखों पर आ जाती है और यह आंख हमारी रेटिना के सहारे नारों के सहारे हमारे ब्रेन में जाती है और ब्रेन में जाकर और एक अलग पाथवे के सहारे थर्ड आई को एक्टिवेट करती है|
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रेकि हिलिंग
- 1 ब्रम्हांड में एक दिव्य उर्जा है ए जिसे हम ईश्वर का रूप भी कह सकते है |
- 2. Reiki Healing एक आध्यात्मिक शक्ति है जो व्यक्ति के Subconscious mind के द्वारा ब्रम्हांड में उपस्थित दिव्य उर्जा को कंट्रोल करती है ए अर्थात हम अपनी अंतरात्मा से अपनी प्राथानाओ को ब्रम्हांड की उर्जा के द्वारा फलीभूत करते है
- 3. ब्रम्हांड की दिव्य उर्जा तक अपनी प्राथना को पहुचने के लिए हम अर्धचेतन मन का उपयोग करते है ए हमरे अर्ध चेतन मन से निकलने वाली फ्रीक्वेंसी ब्रम्हांड में जाती है और फलीभूत होती है द्य
- 4. अर्धचेतन मन Subconscious Mind अवस्था को प्राप्त करने के लिए ध्यान या मेडिटेशन बहुत जरुरी है द्य
- 5. अर्धचेतन मन को हम बोलचाल की भाषा में दिल की आवाज ए अंतरात्मा भी कह सकते है|
हवन यज्ञ
हमारे दिमाग में अक्सर यह प्रशन उठता है की आखिर हिन्दू धर्म में यज्ञ और हवन को पूजा पद्धति में इतना खाश महत्त्व क्यों दिया जाता है या इन सब कर्म कांडो के पीछे क्या कोई लोजिक विज्ञानं भी है या सिर्फ रीती रिवाज ही है| जब हम किसी पंडित जी या जानकार से पूछते है तो वे बातो को घुमाफिराकर यही कहते है की यज्ञ से भगवन खुश होते हिया वातावरण सुगन्धित हो जाता है|
जब इस सवाल का जवाब नहीं मिल पाया तो यह सवाल सोच कर सो जाना ही उचित समझा| एक दिन रात के लगभग 3 बजे अचानक से एक ख्याल बनकर आया और अपने सवाल का उत्तर मिल गया| और पता चला की आध्यात्मिक विज्ञान और विज्ञानं एक ही है |
जिस प्रकार एक छोटा सा मोबाइल फोन दूर दुसरे मोबाइल फोन से बातचीत करा देता है| जो की विज्ञानं के फ्रीक्वेंसी माडूलेशन सिधांत के ऊपर कार्य करता है| मोबाइल फोन की फ्रिक्वेंसी की रेंज एक लिमिटेड होती है , जो की दूर दुसरे मोबाइल तक नहीं पहुच पति है , इसलिए मोबाइल की फ्रिक्वेंसी पहले मोबाइल टावर तक जाती है जहा उस लिमिटेड छोटी फ्रीक्वेंसी पर बड़ी फ्रिक्वेंसी का मोडूलेषण किया जाता है जो की दुरुस्थ टावर तक जाती है और वह से अन्य दुसरे मोबाइल फोन तक जाती है |
ठीक इसी प्रकार इंसानों के अंतरात्मा से निकली हुयी प्राथना की फ्रीक्वेंसी भी ब्रम्हांड में आसानी से नहीं जा पति है , इसलिए हम अग्निए यज्ञए हवनए दीपक का पूजा पद्धति में उपयोग करते हैद्य हमरे शरिर से निकालनी वाली प्राथना की फ्रिक्वेंसी पर अग्नि की उर्जा का विलोपन होता है और वह आसानी से ब्रम्हांड में फलीभूत होती है द्य इसी तरह इन्टरनेट के गूगल सर्च की तरह हम अपने प्रश्नों के उत्तर को भी ब्रम्हांड से प्राप्त कर सकते है द्य
क्वांटम वर्ल्ड उर्जा
एक ऐसा विज्ञान जो बताता है कि इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं है यह भी बताता है कि आप इस ब्रह्माण्ड से जो मांग सकते हो जो चाहे बोल सकते हो आप का पात्र छोटा पड़ जाएगा लेकिन इस ब्रह्मांड के देने की क्षमता कम नहीं होगी।
Quantum World को जैसे कि वैज्ञानिकों ने डिफाइन किया है जिसके अनुसार ब्रह्मांड की एक ऊर्जा की फील्ड है जिसमें हम चारों तरफ से गिरे हुए हैं यह उर्जा हमें सारे क्रिएचर से जोड़ती है और यह ऊर्जा हमारे अंदर और बाहर हर जगह मौजूद है यह ऊर्जा कोई भी रूप ले सकती है यह ऊर्जा जिस चीज का चाहे उस चीज का निर्माण कर सकती है ब्रह्मांड की सारी चीजें इससे ही निकलती है और सारी अंत में इसमें ही लुप्त हो जाती है।
लॉ आफ अट्रैक्शन | law of attraction in hindi
ला ऑफ़ अट्रैक्शन law of attraction एक ऐसा सिद्धांत है जो की अपने धन आदि को सकारात्मक एनर्जी के द्वारा पा सकते है |

Law of attraction के द्वारा आपके विचारो की एनर्जी या तरंगं आपकी इच्छाओ को पूरा कराती है| अतः सकारात्मक विचार सकारात्मक प्रभाव उतपन्न करती है | विशेषज्ञयो द्वारा यहा केंद्रीकृत ब्रम्हांड के लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन के सिद्धांत को बताया गया है|
मेंटलिज्म | mentalism
यदि आप किसी सामने बैठे व्यक्ति के दिमाग की बातो को विचारो को आसानी से जान जाए तो यह लोगो के लिया कौतुहल का विषय होंगा बिना किसी के बताये किसी व्यक्ति के दिमाग के विचारो को जानना एक कला है जिसे मेंटलिस्म कहते हैंद्य मेंटलिस्ट Mentalist लोग यह कई वर्षो की मेहनत और अभ्यास से कर पाते है|
सुहानी शाह ए करन सिंह जिअसे बढे बढे लोग भी इन किताबो का उपयोग करते है द्य मेंटलिस्म Mentalist एक बहुत ही कठिन कार्य है| जो की व्यक्ति की शारीरिक भाषा और ह्युमन सायकोलोजी पर निर्भर करते है द्य मेंटलिस्ट लोगो के लिए 7 Best Books For Mentalist 7 किताबे बहुत ही महत्त्वपूर्ण है जो की अक्सर वे इन किताबो का उपयोग करते है |

टैलेपेथी
दरअसल बिना किसी उपकरण की मदद के ही बहुत दूर किसी व्यक्ति तक अपनी बात या विचार याँ सन्देश पहुचाने की कला को ही Telepathy कहते है | इसके द्वारा हम किसी दूर बैठे व्यक्ति के विचार या वार्ता को सुन भी सकते है , देख सकते है और स्थिति को जान सकते है द्य इस कला को हिंदी में दुरानुभुती भी कहते है |
जिस प्रकार से पुरातनकाल में ऋषि मुनि और साधक लोग बिना किसी आधुनिक उपकरण के अपने विचारो को किसी अन्य साधक के पास पंहुचा देते थे और उनके विचारो को सुन समझ भि लेते थे| यह कला आज भी विद्धमान है और लोग इसका उपयोग भी कर रहे हैद्य लेकिन Telepathy आम जीवन में उपयोग में लेना इतना भी आसन नहीं है Telepathy के उपयोग में आने वाली कई रुकवाटे है जिसमे सबसे पहली रुकावट है| आत्मविश्वास और कला पर विश्वास नहीं होना है|
लगातार अभ्यास के बिना यह संभव नहीं है। इस कला की जानकारी ही बहुत कम लोगो को है फिर भी लोग जाने अनजाने में इसका उपयोग अधिकांश जीवन में करते रहते हैं। टेलिपाथी को करने के लिए हमें अर्धचेतन मन की अवस्था को प्राप्त करना बहुत जरुरी है हमारे शरीरी में दो चेतना होती है एक चेतन मन अर्थात conscious mind और दूसरा subconscious mind अर्धचेतन मन ।
सिक्रेट आफ ब्रह्महुर्त
ब्रह्म मुहूर्त मतलब ब्रह्मा या यूनिवर्स का समय यह सूर्य उदय से डेढ़ घंटे पहले का समय अंतराल है या परफेक्ट कह तो यह सूर्योदय से एक घंटा 36 मिनट पहले का समय है इसका शाब्दिक अर्थ है ब्रह्मा का समय।
यह रात का सबसे अंतिम समय है जिसे मुहूर्त भी कहते हैं और काउंटर विजन की प्रैक्टिस के लिए सबसे अधिक शुभ मुहूर्त माना जाता है ब्रह्म मुहूर्त पूजा मेडीटेशन यह किसी भी अन्य गतिविधियों के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है सुबह की आध्यात्मिक गतिविधियों का दिन के अन्य समय से सबसे अधिक महत्व माना जाता हैद्य
ब्रह्म मुहूर्त एक 48 मिनट का समय अंतराल है जो सूर्योदय के 1 घंटा 36 मिनट पहले शुरू होता है और सूरज उगने से 48 मिनट पहले खत्म होता है ब्रह्मा भगवान का नाम है जिन्होंने यूनिवर्स ब्रह्मांड को बनाया है और मुहूर्त मोटे तौर पर एक समय अंतराल है तो ब्रह्म मुहूर्त को सिंपल तरीके से ब्रह्मा के समय को कहा जा सकता है| जोकि मेडिटेशन योगा पूजा आदि के लिए ब्रह्म मुहूर्त को सबसे शुभ और बढ़िया माना जाता है|
इतना ही नहीं सिख धर्म में इस समय अंतराल को अमृतवेला कहा जाता है इसलिए इस समय अंतराल के द्वारा की गई कोई भी आध्यात्मिक एक्टिविटी दिन या रात के किसी भी हिस्से की बजाय बहुत ज्यादा असरदार होती है ब्रह्म मुहूर्त रात का 14:00 मुहूर्त काल है और एक मुहूर्त 48 मिनट के बराबर होता है अर्थात एक पूरी रात में 15 मुहूर्त होते हैं हर मुहूर्त 48 मिनट तक रहता है|
इसलिए ब्रह्म मुहूर्त सूर्य उगने से एक घंटा 36 मिनट पहले शुरू होता है और सूर्य उगने से 48 मिनट पहले खत्म होता है इसके अनुसार भौगोलिक लोकेशन और साल के अनुसार हर दिन बदलता रहता है उदाहरण के लिए यदि सूर्य उगने का समय 6:00 बजे है तो ब्रह्म मुहूर्त का समय 4:24 होगा|
369 Manifestation Technique
369 मेनिफेस्टेशन टेक्निक की सबसे पहले शुरुआत निकोला टेस्ला जी ने की थी। जब निकलो टेस्बला बहुत सारे एक्सपीरिमेंट करते थे तब वह तीन नंबरों को बहुत ज्यादा अहमियत देते थे, वे तीन नंबर होते थे 3,6और 9। इसके पीछे और इसके पीछे बहुत बड़ी साइंस है बहुत सारे फिजिक्स है कि आखिर उन्होंने इसे वास्तव में क्यों किया।
लेकिन इससेे भी ज्यादा महत्वपूर्ण चीज यह है की जब भी वह किसी एक्सपेरिमेंट को करने जाते थे। तो भी इन तीन नंबर को लेकर ही काम करते थे।
369 Manifestation Technique में आपको अपने जीवन की एफर्मेशन को लिखना होता है आपकी जीवन की विशेष और आपके सपने क्या है और आप अपने जीवन में अल्टीमेटली क्या चाहते हैं उनको लिखना होता है तो हमें यह भी समझना जरूरी है कि ऑफ़रनेशन को कैसे लिखना है वह भी बहुत ही महत्वपूर्ण है जैसे कि वह हमारी जिंदगी में ऑलरेडी पहले से हो चुके हैं और मैं पहले से ही उन चीजों को प्राप्त कर चुका हूं।
सेल्फ हेल्प बुक
एक सफल जीवन जीने के लिए व्यक्तित्व निर्माण एक अहम तथ्य हैं। हम अपने जीवन में असफलताओं के लिए हमेषा ही परिस्थितियों को दोष देते हैं जबकि हम सभी परिस्थितियों से लडने की नही सोचते हैं। 90 प्रतिशत लोंगो के जीवन में सकारात्मक परिस्थिती नही होती हैं। लेकिन जो भी व्यक्ति अपने आप में सुधार कर और स्वयं चिंतन मनन कर लक्ष्य प्राप्ती हेतु आगे बढता है वे सफलता हासिल करते हैं। अपने जीवन में महान बनने और सफलता हासील करने के लिए हमें कम्फर्ट जोन से बहार निकलना होता हैं।
कम्फर्ट जोन का मतलब हैं कि हम जो कार्य कर रहे है उससे हटकर कोई नया ऐसा कार्य जिससे कि हमारे जीवन में परिवर्तन आ जाएं । मेहनत तो हर इंसान करता है चाहे फिर वह मजदुर हो या कोई बिजनेसमेन हो , लेकिन असल मेहनत वह होती है जो कि रिस्क लेकर कोई नया कार्य करे, और कुछ नया सिखे जिससे के वह अन्य लोगो से भीड से आगे निकल जाए।
जो इंसान आध्यात्मिक रूप से मजबुत होता है वह अपने जीवन में सच्चाई को जानकर हमेषा ज्ञान प्राप्त करने और स्वयं को सिखने के लिए अपना समय खर्च करता है।
ऐसे ही रीच डैड पुअर डैड सेल्फ हेल्प बुक है जो कि व्यक्तित्व निर्माण के लिए बहुत सहायक है।
- 1. रीच डैड पुअर डैड Rich Dad Poor Dad
- 2. डु इपिक सीट Do Epic Shit
- 3. दोगलापन Doglapan Book
- 4. एटामिक हेबिटस Atomic Habits Book
- 5. द बिग लिप The Big Leap Book
- 6. अनलिस युवर हिडन पावर Unleash Your Hidden Powers Book By Suhani Shah
- 7. हाउ टु बिकम रिच How To Become Rich
- 8. द 7 हेबिट्स आफ हाइली इफेक्टीव प्युपल The 7 Habits Of Highly Effective People
- 9. हाउ टु फाइंड परपज आफ लाइफ How to Find Purpose of Life
आध्यात्मिक ज्ञान कैसे प्राप्त करें
आध्यात्मिक ज्ञान और व्यक्ति निर्माण का हमारी सोच से बहुत गहरा संबंध हैं, जैसा हम सोचते है वैसा ही हम अपना व्यक्तित्व और भविष्य निर्माण करते हैं। इसलिए हमें हमेषा सकारात्मक सोच रखना चाहिए। जब हम हमारे हृदय से सोचते है तो हमारे अंर्तमन से हमारी सोच की आवृत्ति निकलती है जो कि ब्रम्हाण्ड में जाती है जहॉ ब्रम्हाण्ड की दिव्य उर्जा से वह सोच फलीभुत होती हैं। अर्थात हमारी सोच और विचार वास्तविकता में बदल जाते है । इसे ही आइंस्टिन का सापेक्षता का सिद्वांत कहते है । जिसके अनुसार उर्जा किसी पदार्थ में और पदार्थ किसी उर्जा में बदल जाते है।
दरअसल एक आम इंसान अपने वर्तमान को बदलना तो चाहता है लेकिन वह स्वयं को नही बदल पाता हैं, और न ही वह अपने भविष्य निर्माण को बदलने हेतु कोई मेहनत कर पाता हैं। इसके पीछे कई कारण होते है जैसे वह यह जानता ही नही है कि उसे अपने लक्ष्य को पाने के लिए क्या करना है और अपने जीवन में क्या क्या परीवर्तन करने है।
इस समस्या को हल करने का सबसे बढिया तरिका यह है कि वह रोज मेडिटेषन का सहारा ले , जिससे वह अपने लक्ष्यों की ओर ध्यान केन्द्रीत कर सकता हैं। और आने वाली समस्याओ का हल भी आसानी से प्राप्त कर लेता हैं।
इस दर्शनशास्त्र के अनुसार आप खुद अपना जीवन बनाते है , आप जिन चीजो पर ध्यान केन्द्रित करते है वही आपके जीवन को बनाते है आप जीन बातो में विश्वाश करते है वही आपकी जिंदगी में होता है |
आपके पेशेवर लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आकर्षण का नियम भी उपयोगी हो सकता है। जबकि लोग कभी-कभी गलती से मानते हैं कि केवल आपके करियर की आकांक्षाओं के बारे में सकारात्मक सोचने से सकारात्मक परिवर्तन प्रकट होते है| अपने जीवन में दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आपको आकर्षण के नियम का उपयोग करना चाहिए, जो आपको अपने लक्ष्यों की ओर कदम उठाने में मदद करेगी। उदाहरण के लिए, केवल अधिक वेतन की आशा करना पर्याप्त नहीं है।
आर्थिक व्यवस्था और कौशल विकाश को प्राप्त करने, पदोन्नति की मांग करने, या यहां तक कि एक नई समस्या के समाधान करने जैसे कदम उठाने के लिए इस सिद्धांत के द्वारा मेनाफिस्ट या मांग कर सकते हैं। आकर्षण के नियम के अनुसार, अपनी ऊर्जा को सकारात्मक तरीके से केंद्रित करने से भविष्य में आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आयेंगे|
FAQ:-
आध्यात्मिक ज्ञान कैसे प्राप्त होता है?
आध्यत्मिक ज्ञान को प्राप्त करने के लिए स्वयम को जानना होता है जिसका सबसे पहला कदम ध्यान मेडिटेशन होता है |
मुझे आध्यात्मिक ज्ञान कहां से मिल सकता है?
आध्यात्मिक ज्ञान के लिए व्यक्ति को ध्यान और मेडिटेशन का सहर लेना होता है | जिसके पश्चात् गहन मनन और ध्यान से परब्रह्म स्वयम अपने भक्तो को अध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करता है |