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The Big Leap Book Review in Hindi

सपनों और डर के बारे में एक किताब The Big Leap है जिसमें डर और थोपी गई लिमिट को पार करके उन सभी सपनों को सच किया जा सकता है यह किताब हम उन लोगों को पढ़ने की सलाह देते हैं जो जो अपने जीवन की दिशा ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं और जो अपने वर्तमान को बदलना चाहते हैं|

The Big Leap

Preparing for your The Big Leap

शुरुआत में 19वीं सदी के शुरुआत में वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया कि बिजली के बिना भाप के इंजन का कैसे उपयोग किया जा सकता है और इस तरह भाप इंजन का जन्म हुआ पहले साधारण माल को ले जाने के लिए भाप इंजन का उपयोग हुआ लेकिन बाद में इसका उपयोग पैसेंजर के परिवहन के लिए भी किया जाने लगा| मित्रों भाप इंजन का अन्वेषण हुआ क्योंकि किसी को ऐसा लगता था कि यह पॉसिबल है, और उसके लिए वह हमेशा कंफर्ट जोन से बाहर निकलकर अपनी खोज में लगा रहा | जबकि देखा जाए तो कंफर्ट जोन कोई एक जगह नहीं है, जबकि यह एक ऐसा मानसिक अवस्था है जिसमें इंसान आराम दे हो जाता है |

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the big leap

सबसे महत्वपूर्ण है कि वह आलसी हो जाता है उदाहरण के लिए यदि कोई इंसान कोई नौकरी कर रहा है वह अपनी नौकरी से खुश नहीं है और वह खुद का अपना कोई बिजनेस व्यापार करना चाहता है तो वह उस जॉब को छोड़ देगा लेकिन अगर वह इंसान वह इस जॉब को करते हुए इतना कंफर्टेबल हो चुका है कि वह अब इस जॉब को छोड़ना नहीं चाहता है इसे कहते हैं कंफर्ट जोन।

कंफर्ट जोन | Comfort Zone

कंफर्ट जोन अचीवर्स के लिए नहीं है जो अपने सपनों की लाइफ को बनाना चाहते हैं इसका मतलब है कि यदि आप अपने सपनों की लाइफ को जीना चाहते हैं तो कंफर्ट जोन से बाहर निकल कर काम करना होगा वरना आपका सपना एक सपना ही बनकर रह जाएगा बड़े सवालों से बड़े इनाम मिल सकते हैं अर्थात जब हम नेक्स्ट लेवल की सक्सेस को सोचते हैं तो हम उसी की को पाने के लिए कार्य करते हैं |

Zone of comfort

यदि हम यह सोच रहे थे कि यह हमारे लेवल से बाहर है तो हम फिर पुनः वही पहुंचते हैं जहां हम पहले होते हैं जब हम किसी चीज के लिए मेहनत करते हैं तो प्रकृति हमें एक स्टेप हमें आगे पहुंचा देती है इंसान हमेशा कंफर्ट जोन घूमता है लेकिन जब वह किसी चीज को पाने के लिए मेहनत करता है तो उसे और अधिक मेहनत करनी होती है यदि आप जरूरत से ज्यादा आराम करने लगे तो यह आपके लिए अच्छा नहीं है।

Making the The Big Leap | छलांग लगाना

Marine Williamson का एक बड़ा और पुराना उदाहरण है है की सबसे बड़ा डर असफलता का नहीं है , बल्कि यह है कि हम कोई काम कर पाएंगे या नहीं कर पाएंगे। कॉन्फिडेंस नहीं है सरल भाषा में कह दो किसी काम करने का हमें कान्फिडेंस नहीं है।
अगर आप जानते हैं और मानते हैं कि आप अपनी कैपेबिलिटीज को हमेशा बढ़ा सकते हैं तो आपके पास उस काम को करने का कोई बहाना नहीं होगा, क्योंकि डर कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिससे आप पूरी तरह से छुटकारा पा सके।
इस किताब में महत्वपूर्ण बातें हैं जिन्हें हम ध्यान में रखकर अपने कार्य में सफलता पा सकते हैं।
हमें जिंदगी के एक एरिया में बड़ी छलांग के साथ में जिंदगी के दूसरे पहलू में बड़ी सफलता भी मिल सकती है और झटके भी मिल सकते हैं अर्थात जब आप अपनी जिंदगी में किसी एक चीज पर फोकस करेंगे तो हो सकता है कि आप अपने दूसरे कामों को समय दें जिससे कि वह काम भी खराब होता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कि हम अपने सारे काम को छोड़कर एक ही चीज पर ध्यान दें हमें ध्यान रखना हो कि हमें एक ही समय पर एक ही काम करें।
हर किसी प्रॉब्लम के पीछे केवल 10 मिनट की बातचीत है जो कि आप करना नहीं चाहते है।
जब भी आप कुछ नया काम करते हैं तो आप खुद के ही टीचर बन जाते हैं और सभी चीजों को अपने हिसाब से हैंडल करने लग जाते हैं और जब कोई प्रॉब्लम आती है तो समझ नहीं पाते कि क्या करना चाहिए और हम किसी से इसके बारे में सलाह नहीं लेते हैं यदि आप चाहते हैं कि यह दिक्कत ना आए तो पहले किसी से सलाह लें और फिर शुरू करें

जब आपके रिलेशन में कोई बड़ी चीज सामने आती है तो अपने पार्टनर से पूछे तो क्या वे सीखने की संघर्ष में इक्वल पार्टनर आपके साथ देने के लिए तैयार है। रीलेसनशिप यह है कि आपका जीवन साथी यदि आपके काम को करने में साथ देना चाहता है तो वह आपको आगे बढ़ती हुई देखना चाहता है।

Getting Specific | खाश बनो

हेंड्रिक्स कहते हैं कि काम असल में काम जैसा नहीं लगना चाहिए इसका मतलब यह नहीं है कि आप काम ना करें इसका मतलब यह है कि जब आप आपके मन का काम करते हैं |तो आपको कभी भी थकान महसूस नहीं होती है| लेकिन आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि दुनिया में सिर्फ 5% ऐसे लोग होते हैं, जो अपने काम को दिल से करते हैं|

ऐसा इसलिए होता है ज्यादातर लोगों को 25 से 28 उम्र के बाद पता चलता है, कि उनका पैशन क्या है| क्योंकि 25 की उम्र से पहले वह लोग वही कर रहे थे ,जो उनके मां-बाप उनके शिक्षकों को समझाते आए थे उन्होंने कॉलेज में वही पढ़ाई की जो उनके दोस्तों ने की उन्होंने वही जॉब की जो उनके दोस्तों ने की उन्होंने कभी भी अपने बारे में नहीं सोचा और जब वह अपने बारे में सोचते हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होती है इसी को कहते हैं भेड़ चाल में चलना आपको अपने कार्य क्षेत्र में कार्य करने की जरूरत है जिसे हेंड्रिक्स जोन ऑफ जीनियस कहते हैं।


जॉन ऑफ जीनियस कोई जगह नहीं है यह एक मानसिक अवस्था है जब आप सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव होते हैं और इंसान सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव तभी होता है जब वह अपने मन का काम करता है इसलिए हेंड्रिक्स कहते हैं कि आपको वही करना चाहिए जिसमें आपका मन लगे जबरदस्ती किया गया काम हमेशा खराब होता है इस चक्कर में कुछ इंपॉर्टेंट पॉइंट्स है जिसे हमें समझना होगा|

1 चिंता करना इस बात का सबुत है कि हम किसी महत्वपूर्ण चीज पर काम नहीं कर रहे हैं हमें किसी भी काम की चिंता तब होती है जब जब हम उस काम को लास्ट मिनट तक डालते हैं और जब डेटलाइन और पास आ जाती है तो चिंता करते हैं और या फिर कोई और बहाना मार कर काम को छोड़ देते हैं हम यहां सब समझना होगा कि किसी काम को टालने या बहाना बनाने से काम नहीं करना पड़ता पड़ेगा जबकि वह काम हम ही करना है और फिर हमें उस काम की चिंता होगी और ना चाहते हुए भी उस काम को करना होगा इस समस्या का सबसे बढ़िया उदाहरण है हाल है कि अपनी कंफर्ट जोन से बाहर निकल कर अपने अंदर के आरस को खत्म करके काम करें

2 चिंता करना तभी उपयोगी होता है जब किसी सब्जेक्ट के बारे में वास्तव में कुछ कर सकते हैं।
आपको अपने काम को लेकर चिंता करना अपने करियर को लेकर चिंता करना यह बहुत सही है क्योंकि यही आप को सफल बनाएंगे लेकिन हेंड्रिक्स यहां पर एक बात को जोर देकर बहुत महत्वपूर्ण बात कहते हैं कि सिर्फ चिंता करने से कुछ नहीं होता है हमें एक्शन लेने पड़ेंगे यदि सोचने से ही सब कुछ हो जाता तो आज दुनिया का हर इंसान अमीर होता यदि आप चिंता करना छोड़ देते हैं तो आपका जीवन रातोंरात बदल सकता है।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप लापरवाह हो जाए चिंता और लापरवाही एक छोटा सा डिफरेंस है जिसमें हमें सोचना होगा कि यदि हम चिंता करके एक्शन ना ले तो वह लापरवाही कहलाती है इसलिए चिंता ना करें उसकी जगह हमें एक्शन लेना शुरू करना चाहिए|

Building a new home in your zone of genius

जैसा कि हम समझ चुके हैं कि जॉन ऑफ जीनियस एक मानसिक अवस्था है जहां आप अपने काम में जीनियस होते हैं जोन ऑफ जीनियस अचीव करने के लिए कुछ स्टेप्स है आइए उन्हें समझते हैं।

1 Zone of incompetence

आपको काम के दौरान मेहनत करनी होगी क्योंकि बहुत से लोग इसे आप से बेहतर कर सकते हैं जोन इन इनकंपिटेंस में हमें समझ आता है कि हमें अपने काम से चिपकना होगा मैं तब उसे बहुत ही अच्छे तरीके से करना होगा यदि हम अपने काम में जीनियस बनना चाहते हैं तो हमें यही करना होगा वरना और भी लोग हैं जो हमसे बेहतर अच्छे तरीके से इस काम को कर सकते हैं|

2 Zone of competence

आप आपके काम में बहुत अच्छे हैं लेकिन बहुत से लोग इस काम को बेहतर तरीके से हैंडल करते हैं जॉन ऑफ Competence में हमें समझ आता है कि आप मेहनत करना सीख गए हैं लेकिन उस काम को और भी बेहतर तरीके से किया जा सकता है आपको सेटिस्फाई नहीं होना है क्योंकि जो इंसान एक बार सेटिस्फाई हो गया उसकी ग्रोथ विकास रुक जाता है और वह अब एवरेज लोगों में गिना जाता है।

3 zone of genius

इस दुनिया में आप सबसे बेहतर है यदि इस शब्द को फॉलो करते हैं तो आप दुनिया के 12 प्रश्न लोगों में गिनती होंगे जो अपने काम में जीनियस बनते जा रहे हैं लेकिन यदि आप लगातार चीजें सीखते रहें और उन्हें अपने लाइफ में एम्पलाईमेंट करते रहे तो जनाब जीनीयस में बने रहेंगे वरना आपकी जगह और कोई आ जाएगा।

4 Living in your zone of genius

जब आप अपने कार्य क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि पर रहते हैं या जोन ऑफ जीनियस में बने रहते हैं तो आपके आसपास के लोग आपको इस जगह से हटाना चाहते हैं और आपको नकारात्मक विचार देंगे लेकिन आपको अपने Zone में बने रहना है इसलिए हेंड्रिक्स इसके लिए कुछ तथ्य बताते हैं|

बॉक्स से बाहर निकल कर रहीये और कुछ नया सोचकर एक्शन लीजिए।
हमें डिस्ट्रक्शन से दूर रहने के लिए सबसे बढ़िया तरीका है कि हम टाइम शेड्यूल बनाएं आप सोने से लेकर उठने तक हर एक एक्टिविटी को लिखे और उनका टाइम समय निश्चित करें अपने आपको एंटरटेनमेंट के लिए 45 मिनट से ज्यादा नहीं दे ।

अपने विचारों को अपने दिमाग से बाहर ना जाने दे इसके लिए हमें एक छोटी डायरी में हमें हमेशा अपने विचार लिख कर रखना चाहिए जिसमें कि कोई भी विचार या प्लान आए उसे लिखकर भविष्य में प्लानिंग के लिए लिखकर रख सकें।

वे यह भी कहते कि जब आप किसी चीज को लिख कर रखते हैं तो उस काम के होने की प्रॉपर्टी और भी अधिक बढ़ जाती है।

खुद को मोटिवेशनल रखें आपके कार्यक्षेत्र में जो भी लोग हो उनसे मोटिवेट होकर अपने आने वाली समस्याओं को आसानी से हल करें।

Living Einstein time

इसका मतलब यह नहीं कि आप आइंस्टीन के टाइम में जिए या आज टाइम के समय में जी इसका मतलब यह है कि जैसे आइंस्टीन के जमाने में आइसक्रीम बहुत बड़े वैज्ञानिक बने और और उपलब्धि हासिल की वैसे ही आप भी अपने कार्य क्षेत्र में बड़ी से बड़ी उपलब्धि हासिल करें।
हेंड्रिक्स आइंस्टीन की आइडलोजी फॉलो करते हैं वह कहते हैं कि जैसे आइंस्टीन को साइंस की फील्ड में हार्ड वर्क The Big Leap की वजह से नोबेल पुरस्कार मिला था अगर आप भी मेहनत करेंगे तो आपको भी सफलता जल्दी ही मिलेगी इस चैप्टर में भी कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट है जो जीवन में बहुत काम आते हैं जैसे।

जैसे-जैसे जीवन में आप आगे बढ़ते हैं अच्छे ढंग से काम करने के लिए तब वैसे वैसे अपने आप को अपडेट करना होगा|

टाइम समय की सही समझ पाने से आपका स्ट्रेस तनाव कम हो जाएगा। अर्थात समय की महत्ता को समझते हैं और समय पर कंट्रोल रखते हैं तो आपके प्रत्येक कार्य विधिवत पूर्ण होते चले जाते हैं से कि आपको तनाव बहुत ही कम होगा।
यदि आपको अपने जीवन में आगे बढ़ना है तो आप के समय को मैनेज करते आना चाहिए।

Solving the Relationship Problems

हेंड्रिक्स हमें समझाते हैं कि कैसे आप एक अच्छे रिलेशनशिप बना सकते और उससे रिलेशनशिप को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं दरअसल रिलेशनशिप नहीं होता जब आप किसी लड़के यह लड़की के साथ में रिलेशन में हूं जबकि आप जब कोई बिजनेस करते हैं और उसमें जो बिजनेस पार्टनर होते हैं उनके साथ भी आपको अच्छा रिलेशन बनाना होता है आप किसी कंपनी में लीडर हो तो आपके अंदर काम करने वाले एम्पलॉइस के साथ आपका रिलेशन कैसा है यह मायने रखता है।
इस सेक्टर में भी कुछ महत्वपूर्ण कांसेप्ट है जिन्हें याद रखना चाहिए जिससे कि एक अच्छी रिलेशनशिप बनाई जा सके।

कौन प्रॉब्लम कौन सही है और कौन गलत है यह छोड़कर हमें प्रॉब्लम सॉल्व इन पर ध्यान देना चाहिए।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप लोगों गलतियों को इग्नोर करें और हमेशा खुद को ही झुकाते रहे जबकि आपका काम है प्रॉब्लम को समझकर उसका हल निकालना ना कि सिर्फ इस बात पर लड़ते रहना कि गलती किसकी है

एक अच्छा रिलेशनशिप बराबरी की सोच वाले लोगों के बीच में ही पनपती है कोई भी रिलेशनशिप अच्छे तरह से और लंबे समय तक तभी चलती है जब दोनों तरफ से बराबर सहयोग मिलता रहे गिवन और टेक दोनों में बरोबर रहे यदि कोई एक कमजोर हो हो और सहयोग ना करें तो वह रिलेशनशिप ज्यादा समय तक नहीं चल सकती।

लेखक कहते हैं कि वह अपने करियर में बहुत सारे लोगों के साथ मिले लेकिन सब में एक ही बात की कमी होती है कि वे आपस में तालमेल नहीं बिठा पाते हैं इसे लेकर ऑफ कम्युनिकेशन कहते हैं इसका उपाय यह है कि जो काम आपको दिया जाए उससे दूसरा डिफरेंट काम आपके पार्टनर को दिया जाना चाहिए ताकि आप उनके काम में दखलअंदाजी ना करें और वह आपके काम में दखलअंदाजी ना कर सके।

सारांश

The Big Leap किताब से हमने यहां सिखा की हमें अपने समय को 100% इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि जो 24 घंटे की उर्जा हमें आज मिली है वह कल नहीं मिलेगी हमने सीखा कि हमने अपने समय को मैनेज करते आना चाहिए हमें अपना जोन ऑफ जीनियस बनाना चाहिए अपने रिलेशंस को औरों के साथ बनाए रखने के लिए गिव एंड टेक करना चाहिए और सबसे बड़ी बात यह थी कि हमें कुछ बड़ा करने के लिए अपने विचारों पर एक्शन लेना होगा और अपने कंफर्ट जोन को छोड़ना होगा।

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