आपने सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनल पर एक तरह का माइंड रीडिंग का जादू देखा होंगा जिसमें एक व्यक्ति आता है और जो सामने खड़े व्यक्ति के मन की बात करता है। कुछ लोग हैं जैसे की सुहानी शाह , अक्षय लक्ष्मण , करन सिंह आदि इस कला को लेकर पूरे देश में चर्चा का विषय बने हुए हैं|
हालांकि आज हम उन पर नहीं बल्कि इनकी इस तकनीक की बात करेंगे और आप को बताएंगे कि आखिर कैसे मेंटालिस्ट आपके मन की बात को तुरंत जान जाते हैं और वह वही सब कुछ बता देते हैं जो कि आप मन में सोच रहे होते हैं। आपने अभी तक माइंड रीडिंग के बारे में सिर्फ सुना है क्या आप जानते हैं कि असल में माइंड रीडिंग कितने प्रकार से की जाती है। माइंड रीडिंग दो तरह से होती है।
- 1 Contact Mind Reading माइंड रीडिंग
- 2 Telepathy Mind Reading माइंड रीडिंग
इन दोनों तकनीक के जरिए आप किसी को भी अपने विचारों से प्रभावित कर सकते हैं |
माइंड रीडिंग ट्रिक्स
Contact Mind Reading में हम फिजिकली टच के माध्यम से कांटेक्ट बनाते हैं ताकि एनर्जी को आसानी से चैनल किया जा सके इस टाइप में आप अपने मेंटालिज्म के जरिए सामने वाले को प्रभावित करते हैं।
Telepathy Mind Reading माध्यम में आता है एक ऐसा प्रयोग जिसमें सामने वाले व्यक्ति आपसे दूर बैठा होता है टेलीपैथी माइंड रीडिंग में वेव्स, वाइब्रेशन, करंट, मैग्नेटिज्म, शामिल होते हैं इस अभ्यास में आपको यूनिवर्स से ब्रह्मांड से जुड़ना आना चाहिए तभी दूर बैठे व्यक्ति को आप आसानी से प्रभाव में ला सकते हैं धर्म और विज्ञान ने कई तरह के रहस्यों से पर्दा उठाया है विज्ञान और टेक्नोलॉजी के इस युग में अब सब कुछ संभव होने लगा है|
माइंड रीडर सुहानी शाह
मानव का ज्ञान पहले की अपेक्षा में बड़ा है| आज हम विज्ञान की मदद से हजारों किलोमीटर दूर बैठे किसी व्यक्ति से मोबाइल पर इंटरनेट या वीडियो कॉलिंग के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं लेकिन प्राचीन काल में ऐसा संभव नहीं था तो तो वह कैसे एक दूसरे से संपर्क कर पाते थे कभी सोचा है अपने मन लीजिए आप किसी समुद्र जंगल या रेगिस्तान में अटक गए हैं और यदि आपके पास सेटेलाइट फोन है भी तो उसकी बैटरी डिस्चार्ज हो गई है ऐसे में आप कैसे लोगों से संपर्क कर सकते हैं|
दरअसल बगैर किसी उपकरण की मदद से लोगों से संपर्क करने की कला को ही टेलीपैथी कहते हैं जरूरी नहीं कि हम किसी से सिर्फ संपर्क ही करें हम दूर बैठे किसी भी व्यक्ति की बातचीत को सुन सकते हैं देख सकते हैं और उसकी स्थिति को जान सकते हैं।
इसीलिए टेलीपैथी को हिंदी में दुरानुभूति कहते हैं और इसी टेलिपाथी का उपयोग सुहानी शाह के द्वारा किया जाता है | टेलीपैथी शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल सन 1862 में फ्रेडरिक मेयर ने किया था कहते हैं जिस व्यक्ति में यह छटी ज्ञानेंद्री होती है, वह जान लेता है कि दूसरों के मन में क्या चल रहा है यह पैरा साइकोलॉजी का विषय है जिसमें टेलीपैथी के कई प्रकार बताए जाते हैं|
टेलीफोन टेलीविजन आदि शब्द बने हैं यह सभी दूर के संदेश और चित्र को पकड़ने वाले यंत्र हैं आदमी के मस्तिष्क में भी इस तरह की क्षमता होती है कोई व्यक्ति यदि किसी व्यक्ति के मन की बात जान ले या दुर्घटना को पड़कर उसका वर्णन कर दे तो उसे पारेंद्रिय इंद्री ज्ञान से संपन्न कहां जाता है महाभारत काल में संजय के पास यह क्षमता थी उन्होंने दूर चल रहे युद्ध का वर्णन धृतराष्ट्र को अपनी आंखों से देखते हुए सुनाया था भविष्य का आभास कर लेना भी टेलीपैथी विद्या के अंतर्गत आता है।
माइंड रीडिंग कैसे सीखें
किसी को देखकर उसके मन की बात भाप लेने की शक्ति हासिल करना तो बहुत ही आसान है| मन को स्थिर कर ध्यान से देखने और सुनने की क्षमता बढ़ाएंगे तो सामने वाले के मन की आवाज भी सुनाई देगी इसके लिए नियमित अभ्यास की आवश्यकता है दरअसल टेलीपैथी दो व्यक्तियों के बीच विचारों और भावनाओं के आदान-प्रदान को भी कहते हैं चलिए जानते हैं कि आप कैसे टेलीपैथी या माइंड रीडिंग सीख सकते हैं। टेलीपैथी सीखने के सामान्यतः तीन तरीके हैं ।

- ध्यान द्वारा
- योग द्वारा
- आधुनिक तरीका
पहले तरीके में लगातार ध्यान करते रहने से मन स्थिर होने लगता है चित यानी की मन के स्थिर और शांत होने से साक्षी भाव घटित होता है।
यह संविदाशील अवस्था टेलीपैथी के लिए जरूरी होती है ध्यान संपन्न व्यक्ति किसी के भी मन की बात समझ सकता है कितने ही दूर बैठे व्यक्ति की स्थिति और वार्तालाप का वर्णन कर सकता है|

दूसरा तरीका योग द्वारा इस शक्ति को हासिल किया जा सकता है ज्ञान की स्थिति में संयम होने पर दूसरे के मन का ज्ञान होता है यदि मन शांत है तो दूसरे के मन का हाल जाने की शक्ति हासिल हो जाएगी योग में त्राटक विद्या , प्राण विद्या के माध्यम से भी आप माइंड रीडिंग विद्या सीख सकते हैं|
तीसरा तरीका भले ही आधुनिक हो लेकिन इसमें सर्वप्रथम आपको ध्यान का अभ्यास तो करना ही होगा तभी यह तरीका कारगर सिद्ध होगा आधुनिक तरीके के अनुसार ध्यान से देखने और सुनने की क्षमता बढ़ाएंगे तो सामने वाले के मन की आवाज भी सुनाई देगी इसके लिए नियमित अभ्यास की आवश्यकता है| इस विधा में सम्मोहन यानी कि हिप्नोसिस का भी सहारा लिया जाता है सम्मोहन के माध्यम से हम अपने चेतन मन को सुलाकर अवचेतन मन को जागृत करते हैं.

फिर इस अवचेतन मन के माध्यम से हम दूसरे व्यक्ति के मन की बात विचार आदि पढ़ लेते हैं और यदि वह हजारों किलोमीटर दूर भी बैठा है तो इस मन के माध्यम से व्यक्ति को वह उसके सामने ही नजर आता है हमारे मन के मुख्यतः दो अवस्थाएं होती हैं चेतन मन और अवचेतन मन सम्मोहन यानी हिप्नोसिस के दौरान अवचेतन मन को जागृत किया जाता है|
ऐसी अवस्था में व्यक्ति की शक्ति बढ़ जाती है, लेकिन उसका उसे आभास नहीं होता क्योंकि उसे वक्त वह हिप्नोटाइज के निर्देशों का ही पालन कर रहा होता है अगर आपको चेतन मन और अवचेतन मन के बारे में पता नहीं है तो उसके ऊपर हमने एक पूरा ब्लॉग पोस्ट बनाया है जिसके लिंक यह है।
अवचेतन मन हमें आने वाले खतरे या उस खतरों से बचने के तरीका बताता है इसे आप छठी इंद्री यानी सिक्सथ सेंस भी कह सकते हैं यह मन लगातार हमारी रक्षा करता रहता है हमें होने वाली बीमारी की 6 महीने पहले ही सूचना दे देता है और यदि हम बीमार हैं तो यह हमें स्वस्थ रहने का प्रयास भी करता है बौद्धिकता और अहंकार के चलते हम उसे मन की सुनी अनसुनी कर देते हैं|
अवचेतन मन को साधना ही सम्मोहन यानी कि हिप्नोसिस माइंड रीडिंग है अवचेतन को साधने का असर सम्मोहन द्वारा मन की एकाग्रता वाणी के प्रभाव व दृष्टि मात्र से इंसान अपने संकल्प को पूर्ण कर लेता है और इससे टेलीपैथिक अर्थात माइंड रीडिंग दूसरों के मनोभावों को ज्ञात करना अदृश्य वस्तु या आत्मा को देखना और टूरिस्ट दृश्य को जाना जा सकता है वैसे इस मन को साधने के बहुत से तरीके या विधियां हैं लेकिन सीधा रास्ता है मेडिटेशन और प्राणायाम ।
माइंड रीडिंग बुक इन हिंदी
माइंड रीडिंग को साधने के लिए त्राटक भी कर सकते हैं त्राटक भी कई प्रकार से किया जाता है ध्यान प्राणायाम और नेतृत्व द्वारा आत्म सम्मोहन यानी कि सेल्फ हिप्नोसिस की शक्ति को जगाया जा सकता है इसके अलावा आप शवासन में लेट जाएं और आंख बंद कर ध्यान करें लगातार इसका अभ्यास करें और योग निद्रा में जाने का प्रयास करें योग निद्रा अर्थात शरीर और चेतन मन इस अवस्था में सो जाता है लेकिन अवचेतन मन जागृत रहता है ।
तीसरी तरीके में आप कल्पना करें कि आप कोई बात और उसे तक वह बात बार-बार कल्पना करें और अपनी बात को दोहराएं ध्यान से दोहराएं दोहराने का यह अभ्यास जब गहराएगा तो उसे व्यक्ति तक आपके मस्तिष्क की तरंगे पहुंचने लगे हैं तो कल्पना में उसका चित्र देखकर उसे बुलाने का संदेश भेजें धीरे-धीरे जब यह प्रयोग कामयाब होने लगेगा तो आपका विश्वास भी बढ़ता जाएगा हमारे कुछ भी बोलने से पहले दिमाग में कुछ तरंगे बनती है|
जापानी वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने इस रिकॉर्ड करना जान दिया है और उनके परिणाम 90% तक सफल है वैसे उनका यह प्रयोग सिर्फ जापानी भाषा तक की सीमित है लेकिन इस टेक्नोलॉजी का उपयोग भविष्य में दूसरी भाषाओं में भी संभव होगा ब्रेन कंप्यूटर विशेषज्ञ प्रोफेसर यमाजा के दोषी माटा के नेतृत्व में एक टीम ने इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रॉनिक्स इनफॉरमेशन एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर द्वारा आयोजित वर्कशॉप में इसका लाइव प्रदर्शन भी किया उन्होंने साबित किया कि बोले जाने से 2 सेकंड पहले उनकी मशीन इस बात को समझ लेती है जो बोली जाने वाली है|

यह टीम दिमाग के एक खास हिस्से की गतिविधि पर काम करती है जिससे मेडिकल साइंस की भाषा में ब्रोका कहते हैं भगवान बुद्ध कहते हैं कि आज आप जो भी है वह आपके पिछले विचारों का परिणाम है विचार ही वस्तु बन जाते हैं इसका निर्माण यही बात द सीक्रेट में भी कहींगई और यही बात गीता धाम पर जिन सूत्र और योग सूत्र में भी कही गई है।
सारांश
आज का विज्ञान आकर्षण का नियम कहता है कि माइंड रीडिंग का सारा खेल आपके दिमाग और आपके विचारों का है इस दिमाग को समझने से ही आपके जीवन का खेल आपको समझ में आने लगेगा अधिकतर लोग इसे समझ कर अच्छे स्थान माहौल और लोगों के बीच में रहने लगे हैं जीवन को बदलना चाहते हैं तो सबसे पहले खुद को बदलना शुरू करें खुद को कैसे बदले तो इसका सबसे आसान तरीका है की सबसे पहले अपनी सोच को बदले।
आजकल हमारे जीवन मैं जितनी भी समस्याएं हैं वह हमारी सोच से ही है इसलिए सोच बदले और जीवन बदलो।