What is Telepathy
दरअसल बिना किसी उपकरण की मदद के ही बहुत दूर किसी व्यक्ति तक अपनी बात या विचार याँ सन्देश पहुचाने की कला को ही Telepathy कहते है | इसके द्वारा हम किसी दूर बैठे व्यक्ति के विचार या वार्ता को सुन भी सकते है , देख सकते है और स्थिति को जान सकते है | इस कला को हिंदी में दुरानुभुती भी कहते है |
टेलीपैथी meaning in Hindi
जिस प्रकार से पुरातनकाल में ऋषि मुनि और साधक लोग बिना किसी आधुनिक उपकरण के अपने विचारो को किसी अन्य साधक के पास पंहुचा देते थे और उनके विचारो को सुन समझ भि लेते थे| यह कला आज भी विद्धमान है और लोग इसका उपयोग भी कर रहे है| लेकिन Telepathy आम जीवन में उपयोग में लेना इतना भी आसन नहीं है |
Telepathy के उपयोग में आने वाली कई रुकवाटे है जिसमे सबसे पहली रुकावट है आत्मविश्वास और कला पर विश्वास नहीं होना है| एवम लगातार अभ्यास के बिना यह संभव नहीं है | इस कला की जानकारी ही बहुत कम लोगो को है फिर भी लोग जाने अनजाने में इसका उपयोग अधिकांश जीवन में करते रहते हैं| टेलिपाथी को करने के लिए हमें अर्धचेतन मन की अवस्था को प्राप्त करना बहुत जरुरी है हमारे शरीरी में दो चेतना होती है एज चेतन मन अर्थात conscious mind और दूसरा subconscious mind अर्धचेतन मन | हमें इसे इस तरह समझाते है |
Conscious Mind
चेतना अर्थात हमारा अपना दिमाग जो की Conscious Mind है वह जाग्रत अवस्था में होता है और हमारे चलते फिरते आम जिंदगी में हमेशा यह जाग्रत होता हैं , इस अवस्था द्वारा हम सिर्फ हमारे भौतिक शरिर को नियंत्रित कर सकते है , और हमारे आसपास के भौतिक वातावरण को ही हम इसके द्वारा आभाष कर सकते है |
subconscious mind अर्धचेतन मन
अर्धचेतन मन अवस्था एक ऐसी अवस्था है जिसमे इन्सान अपने दिमाग को शून्य स्थिति में ले जाकर अपने subconscious mind को जाग्रत करते है , जब हम सोते है तब हमारा subconscious mind और Conscious Mind दोनों सुप्त अवस्था में होते है , और आम जिंदगी में जब हम चलते फिरते हुए है तब हमारा Conscious Mind जाग्रत होता है , लेकिन अर्धचेतन अवस्था में हमारा SubConscious Mind जाग्रत होता है और यह ब्रम्हांड में सुचना आसानी से भेज सकता है , यह एक शक्तिशाली विद्या है जिसके द्वारा हम जीवन में बहुत ही अच्छे कार्य कर सकते है |
अर्धचेतन मन अवस्था को कैसे पाए:
1 प्राणायाम द्वारा
Telepathy को अनुभव और उपयोग करने हेतु अर्धचेतन मन को जाग्रत करने हेतु प्राणायाम एक बहुत अच्छा तरीका है , प्राणायाम में ध्यान लगाकर अर्धचेतन अवस्था का पाकर एक ही दिशा में गमन करे| तब आप अपनी इन्द्रियों में ऐसी शक्तियों का अनुभव करोंगे जिसको आम इन्सान अनुभव नहीं कर सकता है ध्यान प्राणायाम द्वारा आत्म सम्मोहन की शक्ति को जगाया जा सकता है |
2 योग निंद्रा द्वारा
योग निंद्रा में जाने हेतु शावाशन अवस्था में लेट जाये और आँख बंद कर मन को एकाग्र चित्त करे , जिसके लिए आपको अपने मन दिमाग को बिलकुल स्गंत करना होंगा और कोई भी विचार या दृश्य को न सोचे | जिसे शून्य विचार अवस्था कहते है इस अवस्था से गुजरने के बाद इन्सान अर्धचेतन अवस्था को पा लेता है , तदोपरांत आप Telepathy का प्रयोग कर सकते है|
3 सम्मोहन एकाग्रता द्वारा
कुछ लोग अंगूठे को सीधा कर देखते हुए , मोमबत्ती को एक टक लगातार देखते हुए , घडी के पेंडुलम कोदेखते हुए आदि ने तरीको से मन को एकाग्रित करते है और अर्धचेतन मन की तरफ बड़ते है |
टेलीपैथी कैसे सीखे pdf | how telepathy works in love
1 subconscious mind अर्धचेतन मन की अवस्था पाने के बाद हम Telepathy की विद्या कला का प्रयोग करते है जिसमे हम अर्धचेतन मन द्वारा कल्पना करते है | सबसे पहले हमें जिससे बात करनी हो या अपना सन्देश पहुचना चाहते है , उसका चेहरा अपनि कल्पना में देखे |
वह इन्सान जहा रहता है वहा का परिद्रश्य आप देखे और कल्पना करे की आप भी उस व्यक्ति के समीप जाकर खड़े है और उस व्यक्ति को उसके नाम से पुकारते हुए उसे आवाज दे , और जो आप कहना चाहते है आप उसे अपने विचार कह सकते है , यह सब काल्पनिक तरीके से आपको इमेजिन करना है | आप उस वातावरण और जगह को इमेजिन कर अपने सभी विचार को रखे | telepathy in love का उपयोग भी किया जा सकता है|
2 लगातार कल्पना करना : यदि आप किसी व्यक्ति को कोई बात कहना चाहते है और उस बात की बार बार कल्पना करते है तो यह अभ्यास गहराते जाता है , हमारे चेतना मन से जब हम बार अब्र एक ही कल्पना करते है तो इसकी परछाई हमारे Subconscious Mind अर्धचेतन मन पर भी पड़ती है और हमारा अर्धचेतन मन भी यह सुचना की आवृत्ति को दोहराता है जिससे की हमारे द्वारा सोचा गया विचार भी उस व्यक्ति तक पहुच जाता है |
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इसी प्रकार हमारे विचारो से हमारा भविष्य का भी निर्माण होता है लगातार एक जैसी सोच रखने से हमारे अर्धचेतन मन से हमारे विचारो की आवृत्ति निकलती है और वह ब्रम्हांड में जाकर फलीभूत हो जाती है |
भगवान बुद्ध कहते हैं कि आज आप जो भी है वह आपके पिछले विचारों का परिणाम है विचार ही वस्तु बन जाते हैं इसका सीधा सा मतलब यह है कि हम जैसा सोचते हैं वैसा ही भविष्य का निर्माण करते हैं यही बात द सीक्रेट किताब में भी कही गई है और यही बात धम्म पद गीता जिन सूत्र और योग सूत्र में कही गई है इसे आज का विज्ञान आकर्षण का नियम कहता है|
FAQ:-
टेलीपैथी का क्या अर्थ है?
किसी दूरस्थः व्यक्ति तक ध्यान लगाकर बिना किसी साधन के अपनी बातो और विचारो को पहुचने को टेलीपैथी कहते है |
टेलीपैथी से क्या होता है?
किसी दूरस्थः व्यक्ति तक ध्यान लगाकर बिना किसी साधन के अपनी बातो और विचारो को पहुचने को टेलीपैथी कहते है |
टेलीपैथी कैसे काम करता है?
ध्यान लगाने के पश्चात् अंतरात्मा से हमारे विचारो के वाईब्रेशन निकलते है जिसे हम अपने प्रिय व्यक्ति तक बिना किसी साधन के ब्रह्माण्ड की उर्जा का सहर लेकर पहुचाते है |
क्या टेलीपैथी संभव है?
जी हां टेलीपैथी संभव है उदाहरन के लिए हम कई बार स्वपन में किसी व्यक्ति को देखते है और उसकी बातो को सुनते है , बाद में पता चलता है की वह व्यक्ति हमें याद कर रहा था |
टेलीपैथी शब्द का उदाहरण क्या है?
जी हां टेलीपैथी संभव है उदाहरन के लिए हम कई बार स्वपन में किसी व्यक्ति को देखते है और उसकी बातो को सुनते है , बाद में पता चलता है की वह व्यक्ति हमें याद कर रहा था | या कई साधू संत भी अपने प्रिय लोगो से आँख बंद करके बात करते है |
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