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बिना गुरु के ध्यान कैसे करे ? क्या बिना गुरु के जप तप मैडिटेशन बेकार है ?

बिना गुरु के ध्यान कैसे करे

प्राचीन समय से धार्मिक और आध्यात्मिक क्रियाकलापों में गुरु का स्थान महत्त्वपूर्ण रहा है , लेकिन आज हम जानेंगे की बिना गुरु के ध्यान कैसे करे | धार्मिक क्रियाकलापो में भले ही धार्मिक गुरु की जरुर आवश्यकता पढ़ती है लेकिन आध्यात्म के क्षेत्र में बिना गुरु के भी परमात्मा में विश्वाश और कृतज्ञता रखते हुए हम इश्वर का ध्यान कर सकते है |

बिना गुरु के ध्यान कैसे करे
Illustration of woman meditating, symbol flower of life

वर्तमान डिजिटल युग में बहुत से महान गुरु अपने ज्ञान से लाखो आध्यत्मिक शिष्यों को ज्ञान दे रहे है | जहा धार्मिक कार्यो में किसी पंडित या गुरु की उपस्थिति जरुरी होती है वहा आध्यात्मिक क्षेत्र में बिना गुरु के भी हम ध्यान कर सकते है | जिसके लिए ध्यान करने हेतु अपने घर पर ही अपने इश्वर को अपना गुरु मन कर श्रद्धा पूर्वक धन्यवाद करते हुए ध्यान करना चाहिए |

ध्यान केंद्रित कैसे करें , बिना गुरु के ध्यान कैसे करे

बिना गुरु के ध्यान कैसे करे

ध्यान केन्द्रित करने के लिए सुबह ४ बजे से ६ बजे तक या रात्रि में सोने के पूर्व जब वातवरण शांत होता है | तब किसी एकांत कमरे में आरामदायक अवस्था में बैठकर या योग निंद्रा अर्थात लेटकर सर्वप्रथम अपने दिमाग से सभी विचारो को निकल दे और बिलकुल शून्य विचार अवस्था में आ जाये | और अपनी सांसो पर ध्यान केन्द्रित करे |

बिना गुरु के मंत्र कैसे सिद्ध करें , बिना गुरु के ध्यान कैसे करे

बिना गुरु के किसी मन्त्र को सिद्ध करने के लिए रोजाना 108 बार एकांत में मंत्रो का जाप करना चाहिए | उदहारण के लिए बिना गुरु के जाप करने के लिए सर्वोत्तम मन्त्र गायत्री मन्त्र होता है | जो की इश्वर को ही अपना गुरु मानकर ज्ञान प्राप्ति के लिए सबसे अधिक कारगर और शक्तिशाली मन्त्र है |

बिना गुरु के ध्यान कैसे करे

ध्यान करते समय क्या सोचना चाहिए

ध्यान करते समय हमारे मन में विभिन्न विचारो का ख्याल आता है और वे हमारे मन को विचलित करते है जिससे की हम सब कंसियास लेवल पर नहीं पहुच पाते है | इसके लिए हमें ध्यान करते समय अपनी सांसो पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए| सांसे हमारी जीवन की प्राकृतिक क्रिया है जिस पर हम ध्यान केन्द्रित कर सकते है | जो की शून्य विचार अवस्था को प्राप्त करने में मदद करती है |

सारांश

जिस प्रकार गुरु भी ईश्वर का रूप होता है ठीक उसी प्रकार यदि हम यदि ध्यान करना चाहे तो हमारे ईश्वर भी गुरु का स्थान ले सकते है और हमें ज्ञान का रास्ता दीखाते है | गुरु की अनुपस्थिति में हम अपने परमात्मा ईष्ट देव को गुरु मान सकते है | और आध्यत्मिक क्रियाकलापों और ध्यान की प्रक्रिया को पूरी कर सकते है | हमारे ईष्ट देव भी हमें ध्यान लगाने के पश्चात् हमारी अध्यात्मिक यात्रा के हर मोड़ पर मार्गदर्शन करते है | , वे हमें अपने सपनो में आकर समय समय पर मार्गदर्शन करते है | अब कोई पूछे की बिना गुरु के ध्यान कैसे करे , तो उसका सार यही है की परमात्मा हमें हर मोड़ पर गुरु की भांति मार्गदर्शन करते है |

FAQ:-


क्या हम गुरु के बिना ध्यान कर सकते हैं?

बिना गुरु के भी ध्यान किया जा सकता है | ध्यान में हम अपने परमात्मा इश्वर को गुरु मानते हुए ध्यान करते है |


सांसों पर ध्यान कैसे करें?

सांसो पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए हमें अपनी सांसो के नाक से होते हुए फेफड़ो में अन्दर आते हुए और बहार जाते हुए देखना है, और लगातर यह प्रक्रिया दोहराना है इस प्रकार से हम ध्यान की अवचेतन मन की अवस्था में पहुच जाते है |


गुरु ना हो तो क्या करें?

गुरु न हो तो अपने आराध्य इष्ट देव को अपना गुरु मान कर ध्यान प्रक्रिया को अपना कर श्रद्धा पूर्वक ध्यान करना चाहिए |


घर पर मेडिटेशन कैसे करें?

घर पर मैडिटेशन करने के लिए सुबह या रात को सोने से पहले एकांत कमरे में आसन लगाकर या लेटकर योग निंद्रा अवस्था में जाकर मैडिटेशन या ध्यान किया जा सकता है |

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